गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017

पर्यावरण समाचार
सरदार सरोवर के विस्थापितोंको मिलेगा ६० लाख मुआवजा

नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर प्रोजेक्ट के विस्थापितों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की राशि तय कर दी है । 
जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि प्रोजेक्ट से प्रभावित ६८१ परिवारों को सरकार ६० लाख रूपये प्रति परिवार के हिसाब से मुआवजा दे । शेष १३५८ परिवारों को १५-१५ लाख का मुआवजा मिलेगा । लेकिन सभी परिवारों को ३१ जुलाई तक कब्जा खाली करना होगा । इसके बाद उन्हें जबरन बेदखल किया जा सकता है । सभी प्रभावित परिवार मध्यप्रदेश के ही हैं । नर्मदा पर बांध के प्रोजेक्ट से सबसे ज्यादा म.प्र. के १९२, महाराष्ट्र के ३३ और गुजरात के १९ गांव प्रभावित हो रहे हैं । 
मेघा पाटकर ने नर्मदा बचाओ आन्दोलन की तरफ से विस्थापितों को मुआवजा दिलाने के लिए याचिका दायर की है । पिछली तारीख पर चीफ जस्टिस की पीठ ने कहा कि प्रभावित लोगों को अधिक से अधिक मुआवजा दिलाने के लिए कोर्ट अधिकारियों पर सख्ती करने को भी तैयार है । 
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस, जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने दो हेक्टेयर तक भूमि के मालिक परिवारों को ६० लाख रूपये मुआवजा देने का फैसला सुनाया । कोर्ट ने कहा कि जमीन के बदले जमीन देना संभव नहींथा क्योंकि सरकारों के पास इतनी जमीन नहीं  है । कोर्ट ने गुजरात और महाराष्ट्र सरकारों को मध्यप्रदेश सरकार को मुआवजे की राशि देने को कहा । यहां हाईकोर्ट के पूर्व जज की अगुवाई में गठित समिति मुआवजा वितरण की निगरानी करेगी । पीठ ने सुनवाई के दौरान पूर्व जजों को पैनल बनाने का अपना प्रस्ताव भी वापस ले लिया । चीफ जस्टिस ने मेघा पाटकर से कहा कि आप ३८ साल से मुआवजे की लड़ाई लड़ रही है । हमने एक   ही बार में आपकी मांग पूरी कर    दी । 
नकली दवाआें मे सबसे ज्यादा एंटी बायोटिक की बिक्री
केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के अनुसार देश में बिकने वाली दवाआें में ०.१ से ०.३ प्रतिशत नकली हैं । इनमें से चार से पांच प्रतिशत दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरती । 

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