कविता
पर्यावरण की रक्षा के लिए
डॉ. लक्ष्मीकांत दाधीच
कहना यही है,
क्या सोचा
आपने
पर्यावरण की रक्षा के लिए
स्वयं के जीवन के लिए
प्रदूषण से मुक्ति के लिए
सुंदर वनोंव झरनों के लिए
ऊं चे पर्वतों व निर्मल जल के लिए
शुद्ध संतुलित पर्यावरण के लिए
पर्यावरण बोध जागृति के लिए
कचरे से मुक्ति के लिए
गर्माती धरती के लिए
पानी के धोरोंके लिए
शानदार जीवन के लिए
परोपकारी समाज सेवा के लिए
जीवन की उन्नति के लिए
शांति के लिए और
स्वस्थ जीवन के लिए
क्या कहा
कुछ नहींसोचा
मर्जी आपकी । ***
पर्यावरण की रक्षा के लिए
डॉ. लक्ष्मीकांत दाधीच
कहना यही है,
क्या सोचा
आपने
पर्यावरण की रक्षा के लिए
स्वयं के जीवन के लिए
प्रदूषण से मुक्ति के लिए
सुंदर वनोंव झरनों के लिए
ऊं चे पर्वतों व निर्मल जल के लिए
शुद्ध संतुलित पर्यावरण के लिए
पर्यावरण बोध जागृति के लिए
कचरे से मुक्ति के लिए
गर्माती धरती के लिए
पानी के धोरोंके लिए
शानदार जीवन के लिए
परोपकारी समाज सेवा के लिए
जीवन की उन्नति के लिए
शांति के लिए और
स्वस्थ जीवन के लिए
क्या कहा
कुछ नहींसोचा
मर्जी आपकी । ***
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